क्षत्रियों के खिलाफ एक थ्योरी एक साजिश
एक नियम है इस धरती पर कि अगर किसी को हराना है तो उसकी मानसिक स्थिति को हरा दो इससे बडा से बड़ा शूरवीर हार जाएगा
कूटनीतिज्ञ नियम यह भी है कि जब किसी से बराबरी ना कर सको तो उसे नीचा दिखाना शुरू कर दो उसमें कमियां निकालना शुरू कर लो अपने आप कुछ दिन बाद समाज में एक ऐसा माहौल बन जाएगा कि लोगों को उसमें कमियां दिखने लगेगी क्योंकि झूठ को भी अगर बार बार बोला जाए तो वह सच दिखने लगता है यही सब वर्तमान में भी क्षत्रिय समाज के साथ हो रहा है और यह बहुत कुटिल राजनीति का हिस्सा है,
ऐसा नहीं है कि इस नियम का उपयोग अभी शुरू हुआ है यह थ्योरी अंग्रेजों ने भी क्षत्रियो के खिलाफ उपयोग की थी जब अंग्रेज भारत आए उन्होंने भारत की संपन्नता को देखा तो उनके मन में जलन शुरू हुई और उन्होंने फिर यही खेल खेला उन्होंने हमारे इतिहास विज्ञान पर उंगली उठानी शुरू कर दी जिसमें वह कुछ हद तक कामयाब भी रहे।
इस थ्योरी का प्रयोग सबसे गंदे तरीके से प्रयोग जनतंत्र में शुरू हुआ जब क्षत्रियो को और उनके इतिहास की बराबर ना करने की वजह से उन पर आरोप लगने शुरू हुए क्षत्रियों के महाकाव्य रामायण महाभारत जैसे ग्रंथों पर भी लोग अंगुली उठाने लगे फिर एक थ्योरी को जन्म दिया गया कि यह सनातनी आर्य विदेशी हैं यह भारत के मूलनिवासी ही नहीं है यह प्रोपेगेंडा जोरों पर चला इसका वामपंथियों ने पूरा फायदा उठाया आर्य के वंशज आज के क्षत्रिय या राजपूतों को किसी ना किसी स्वरचित चोरी से विदेशी का जाने लगा था कि उनका मनोबल टूटे और ये इस तर फर्जी प्रोपेगेंडा का जवाब देते देते शक्तिहीन हो जाए लेकिन वैज्ञानिकों ने साक्ष्यों के साथ फर्जी चोरी को झूठा साबित कर दिया।
आजादी के बाद लिखित इतिहास में क्षत्रिय इतिहास को गायब सा कर दिया था,,,उस समय छत्रिय समाज व्यक्तिगत उत्तल पुथल में इन बातों से अनजान रहा ...और उस वक्त क्षत्रियों की नई पीढ़ी का सर्जन हो रहा था, इतिहास में सिर्फ हमारी कमियां लिखी गई , शौर्यपूर्ण इतिहास को तो बिल्कुल गायब सा कर दिया गया ,और जहां तारीफ भी की गई वहां भी नकारात्मक रूप में की गई. ...विरोधियों का प्लान था, कि ऐसी नकारात्मक इतिहास को पढ़कर नई पीढ़ी में राजपूतों के खिलाफ हीन भावना तैयार होगी,जबकि असली इतिहास कहीं और सोर्सेस मैं दबा पड़ा था।
इसका उदाहरण आपको ,दिल्ली के सबसे वीवीआइपी जगह पर बनी सम्मानीय सड़कों के नाम से दिख जाएगा,आजादी के बाद दिल्ली में औरंगजेब रोड , बाबर रोड ,अकबर रोड ,हुमायूं रोड, ऐसे सैकड़ों नाम है .... अब आप खुद सोचिए ऐसे माहौल में आपको क्या सम्मान मिला होगा . ...
जनतंत्र में विरोधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी राजपूत रजवाड़े ,जिन्होंने जनतंत्र में भी देश के पहले चुनाव में स्वघोषित नेताओं को धूल चटा दी थी ... अब नेताओं ने नया खेल खेला, राजाओं को दी जाने वाली सभी सुविधाओं को वापस ले लिया गया वह आरोप लगाया कि आप लोग जनता को लूटते हैं ...लेकिन फिर भी जनता के मन में अपने भूतपूर्व राजाओं के लिए वही सम्मान था. .
इसी के बाद दौर शुरू हुआ, 80 का दशक जहां क्षत्रियों के खिलाफ बॉलीवुड का उपयोग किया जाने लगा ,जिसमें फिल्मों में ठाकुरों को अत्याचारी प्रदर्शित किया जाने लगा, इन फिल्मों में एक बात देखने लायक थी, इन फिल्मों में सिर्फ ठाकुरों के स्वरूप को दर्शाया जाता था, ना कि इतिहास को..इससे युवा पीढ़ी में यह बात डाल दी गई कि ठाकुर ऐसे होते हैं और इसमें विरोधी कामयाब भी रहे.
इसी थ्योरी का प्रयोग आज तक हो रहा है, हमारे खिलाफ क्योंकि आज भी हम चुनौती बनकर खड़े हैं. ..
वर्तमान में ये थ्योरी सिर्फ काम कर रही है, इतिहास को लेकर, यहां कोशिश यह भी की जा रही है ,कि कैसे क्षत्रियों के इतिहास को उनकी परम्पराओं को कैसे नीचा दिखाया जाए, और साथ साथ में ही कुछ लोगों के 2-2 फुट के इतिहास को हिमालय जैसा आकार देने की कोशिश की जा रही है ,जिन जातियों का इतिहास 1947 से पहले नहीं था ,उनका इतिहास आजादी के बाद थोक के भाव में सरकारी संरक्षण में लिखा जा रहा है ..जिसमें सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जा रहा है बॉलीवुड को .. इतिहास एक परंपरा है ,ना कि कोई इमारत जो अचानक से बन जाए ..मेरा किसी जाति ,धर्म से कोई बेर नहीं है सब हमारे ही हैं मैं सिर्फ उस पड्यंत्र को बताना चाहता हूं जो अंदर ही अंदर कार्य कर रहा हैं...
क्योंकि विरोधियों को पता है ,कि क्षत्रियो का इतिहास को अगर विकृत कर दिया, उनके इतिहास को अगर नीचा दिखा दिया तो यह कॉम मुर्दे के समान हो जाएंगे ...अस्तित्वहीन
और इस मिशन में हमारे खिलाफ बॉलीवुड ,नेता, राजनीतिक पार्टियां ,यहां तक कि ज्यादातर मीडिया भी खड़ा है..
इन सब का एक ही मिशन है ,कैसे भी करके क्षत्रियों को नीचा दिखाया जाए ,क्षत्रियों की एक गलती पर बात का बतंगड़ बनाया जाए,,,
क्षत्रियों के मनोबल को रौदने लिए ,कभी बॉलीवुड का उपयोग किया जाता है ,कभी मीडिया का तो कभी दिलीप मंडल जैसे वामपंथियों का ...और इन सब के पीछे एक कुटिल बुद्धिजीवियों का थिंक टैंक काम करता है . ..
अब सोचने वाली बात यह भी है ,जिस कॉम की बहादुरी के चर्चे 7 समुंदर पार तक है , जिनके के इतिहास को सम्मान विदेशी आक्रांता तक देते हो...उस इतिहास को भारत के ही 2 कौड़ी के लोग नीचे क्यों दिखाना चाहते हैं वजह साफ है की क्षत्रियो को मुख्यधारा से अलग किया जा सके..
अब बताते हैं कि क्षत्रिय क्या है और क्या है इनका इतिहास. ..
वैसे हमारे कुछ विरोधी शुरू से ही हमारा इतिहास विकृत करने के लिए, जलनवश रामायण ,महाभारत को काल्पनिक कहते हैं पर यह हमारा स्वर्णिम प्राचीन इतिहास है इसके साक्ष्य आज भी जिंदा है....
# क्षत्रिय वो है जिसने पोरस के रूप में सिकंदर को भारत से खदेड़ दिया था. .
क्षत्रिय वो है ,जिसमें इस्लाम के पहले आक्रांता मोहम्मद बिन कासिम को भारत से अरब तक उल्टे पांव भगाया था.
क्षत्रिय वो है जिन्होंने इस्लामिक आक्रमणकारियों को बप्पा रावल नागभट्ट प्रतिहार के रूप में अरब देश तक खदेड़ दिया था. .
क्षत्रिय वो हैं जिनसे अरब के खलीफा अपनी बेटी ब्याहना चाहता था. ..
जिस इस्लाम ने 45 वर्षों में 90 देशों को इस्लामिक बना लिया था उसको भारत में घुसने में 500 साल लगे सिर्फ क्षत्रियों की वजह से. .
क्षत्रिय वो है जिसने दुनिया के सबसे बड़े किले बनाएं, जिसके आर्किटेक्चर को देखने दुनिया से लोग भारत आते हैं ...जिसमें चित्तौड़गढ़ ,कुंभलगढ़, ग्वालियर फोर्ट ,खजुराहो ,जैसे अविश्वसनीय विशालकाय स्थल है. .
क्षत्रिय वो है जिससे बचने के लिए महमूद गजनवी ने सोमनाथ लूट के बाद रेगिस्तान का रास्ता चुना अजमेर के चौहानों से भय खाता था.
क्षत्रिय वो है जिन्होंने तराइन में गौरी को हराकर जीवनदान दिया .और इसी गौरी को भीमदेव सोलंकी ने गुजरात से मार भगाया था.
क्षत्रिय वो है जिन्होंने हमीर सिंह सिसोदिया के रूप में सिंगोली युद्ध में मोहम्मद बिन तुगलक को धूल चटाई थी. और बंदी बनाकर रखा था..
क्षत्रिय वो है जिन्होंने इल्तुतमिश जैसे आक्रांता को कई बार अपने छात्रों से भगाया.
क्षत्रिय वो है ,जिसमें अलाउद्दीन खिलजी जैसे क्रूर आक्रांता के आगे हार नहीं मानी ,लाखों क्षत्रिय मरे और मारा भी . . क्षत्राणियो ने इतिहास का सबसे बड़ा जोहर किया, लेकिन क्षत्रिय आन पर आंच न आने दी .....और तो और अगले कुछ वर्षों में मेवाड़ के राजपूतों ने खिलजी को हराकर चित्तौड़ वापिस ले लिया ,खिलजी को रणथंभोर में भी हार कर जाना पड़ा. ...
क्षत्रिय वो है, जिसने राणा कुंभा के रूप में भारत को एक महान आर्किटेक्ट दिया, जिसने अपने जीवन काल में 32 दुर्गों का निर्माण कराया ,जिसमें विश्व की सबसे बड़ी दीवार कुंभलगढ़ की दीवार भी शामिल है ,ये वहीं राणा कुंभा है जिन्होंने गुजरात और मालवा के सुल्तान को हराकर विजयस्तंभ का निर्माण करवाया था. ...
क्षत्रिय वो है ,जिसमें डूबते भारत का अस्तित्व को राणा सांगा के रूप में आखिरी उम्मीद को जन्म दिया ,जिसने इब्राहिम लोदी ,और बाबर जैसे शासक को धूल चटाई थी..
क्षत्रिय वो है जिनकी वजह से इसी दौर में विजय नगर में उड़ीसा जैसे साम्राज्य में केसरिया लहराता रहा. .
क्षत्रिय वो है, जिसने कलिंजर युद्ध में शेर शाह सुरी को रौद डाला था ..और वो मारा गया यह वही शेरशाह सूरी है जिसने गिरी सुमेल का युद्ध के बाद क्षत्रियों के लिए कहा था ,कि एक मुट्ठी भर बाजरे के खातिर मैं अपनी सल्तनत खो देता ..इस युद्ध में 6000 राजपूतों का सामना 80 हजार अफ़गानों से था. .
क्षत्रिय वो है , जिसने गुलाम होते भारत में एक बार फिर इकलौती किरण को जन्म दिया था ,महाराणा प्रताप के रूप में ,जिसने भारत का मान रखा, यह इकलौता ऐसा राजा था देश का जो अकबर के सामने नहीं झुका ,और तो और हल्दीघाटी दिवेर से युद्ध में अकबर को धूल चटाई. .....
क्षत्रिय वो हैं ,जिसने बुंदेलखंड से छत्रसाल के रूप में औरंगजेब को खदेड़ा ,और बुंदेलखंड को इस्लाम मुक्त कराया..
क्षत्रिय वो है जिसने खालसा धर्म की रक्षा की ,वीर बंदा बहादुर ,बज्जर सिंह राठौर के रूप मे.....
क्षत्रिय वो है ,जो लद्दाख को ,लड़कर भारत के नक्शे में लाए जनरल जोरावर सिंह के रूप में. .
क्षत्रिय वो है, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे बड़ा मोर्चा लिया ,बाबू कुंवर सिंह, ठाकुर कुशाल सिंह आउवा ,राम प्रसाद बिस्मिल ,ठाकुर रोशन सिंह, महावीर सिंह राठौड़ ,जैसे सैकड़ों महान क्रांतिकारियों के रूप में या फिर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सैनिको के रूप में. ..
क्षत्रिय वो है, जिन्होंने 19वीं सदी में भी सात समुंदर पार जाकर विदेशी ताकतों से इसराइल को आजाद कराया, जोधपुर लांचर के रूप में ,वह भी तब जब तलवारों का मुकाबला मशीनगन से था ,इजराइल आज भी हमें सम्मान देता है,..
क्षत्रिय वो है ,जो इस जनतंत्र में भी सबसे ज्यादा शहीद होने वाली कौम है ,सेना में सबसे ज्यादा वीरता मेडल इन्ही राजपूतों के पास है, यहां तक कि 5 परमवीर चक्र.. 💪
क्षत्रिय वो है, जो थार रेगिस्तान में भी महल बना दें ,जो आज 900 साल बाद भी हमारे इतिहास की गवाही देता है, रेगिस्तान में बना जैसलमेर महल, दुनिया के लिए एक अजूबा है. ..
क्षत्रिय वो है ,जिसने आधुनिक भारत को सबसे बड़ा खगोल शास्त्री दिया सवाई जय सिंह जी, जिन्होंने जंतर मंतर नाम की दुनिया की सबसे बड़ी खगोल वेधशाला बनाई..
क्षत्रिय वो है, जो आज भी भारत को सम्मान दिलाते हैं ,भारत के 3 शहर जयपुर, जोधपुर ,उदयपुर ,किस ना किसी वजह से भारत का नाम दुनिया में रोशन करते हैं ,और तो और राजस्थान के जितने भी जिले है उसमें से किसी का भी नाम मुस्लिम आक्रांता के नाम पर नहीं है... ये गवाह है क्षत्रिय के इतिहास के.
क्षत्रिय वो हैं, जिनकी वजह से आज भी भारत को सबसे ज्यादा टूरिस्ट रेवेन्यू व रोजगार मिला हुआ है, भारत में सबसे ज्यादा टूरिस्ट राजस्थान में ही आता है ,वह भी सिर्फ इन क्षत्रियो द्वारा बने शहरों ,नगरों , महलो को देखने, इसी टूरिज्म से पूरे राजस्थान में लाखों लोगों का जीवन यापन होता है ,इसी कड़ी में मध्य प्रदेश ,गुजरात भी है यहां भी 80% टूरिज्म इन्हीं क्षत्रियो की देन है. ...
क्षत्रिय वो है ,जो आज भी सनातन धर्म की परंपरा की झलक पूरे विश्व को दिखाते हैं
विदेशी शासक कहते हैं कि ऐसे राजपूत योद्धा मेरी सेना में हो तो मैं संसार को जीत लू...
कर्नल टॉड कहता है कि राजपूतों का हर गांव थर्मोपल्ली है.
खानवा के युद्ध के बाद बाबर कहता है कि राजपूत लड़ना भले ही ना जानते हो पर इन्हें मरना और मानव बखूबी आता है.
साहित्यकार गणेश शंकर लिखते हैं ,कि राजपूत राजा अगर किसी और देश में होते तो वहां इनकी की पूजा होती . ..
ऐसी हजारों बातें हैं क्षत्रियों के बारे मैं कहां तक लिखा जाए ,,कब तक लिखा जाए ,यह वही क्षत्रिय है जिनकी तारीफ खुद उनका दुश्मन करता है..
बाबरनामा ,अकबरनामा मैं भी राजपूतों की बहादुरी की चर्चा है... पर इस देश के दो दो कौड़ी के लोगों को इन क्षत्रियो में कमियां दिखती है. .
सच कहा जाए तो आप दुनिया का सर्वश्रेष्ठ वर्ग है ,जिन्हें आर्य का जाता है ,जिन का वर्चस्व परंपरा हजारों सालों से चलती रही है ,दुनिया में इस्लामिक आक्रमण से जाने कितनी सभ्यता लुप्त होगी ,पर क्षत्रिय परंपरा क्षत्रिय इतिहास आज भी जिंदा है ,बस इसी की जलन इन विरोधियों को कि कैसे इस वर्ग को निष्क्रिय किया जाए, इसलिए आपके साथ माइंड गेम खेला जाता है,..
वह सिर्फ आपकी 1% कमियों को बढ़ा चढ़ाकर 100% करके दिखाते हैं, जब कि आपकी महानता आपका शौर्य आपका स्वर्णिम इतिहास छुपा लिया जाता है. ..
वह यह नहीं चाहते आप अपने कौम पर गर्व करो ,वह नहीं चाहते कि आप अपना स्वर्णिम इतिहास पर आहे भरो, वह यह भी नहीं चाहते कि आप अपने पूर्वजों की परंपरा का निर्वहन करो ,इसलिए उन्हें आप से जलन होती है. .
वह आपके पूर्वजों की जयंती तक मनाना पसंद नहीं करते,
और यही बात रविंद्र जडेजा के केस में हुई है, इन विरोधियों को डर है कि अगर क्षत्रिय नेता सेलिब्रिटी खुद को राजपूत होने पर गर्व करेंगे तो इनके मिशन का क्या होगा ,इसीलिए यह ऐसा माइंड गेम खेलते हैं ,उनका खुद का दो कौड़ी का इतिहास नहीं वह सीधा क्षत्रियों की सबसे बड़ी धरोहर उनके सवर्णीय इतिहास को नीचा दिखाने का काम करते हैं ,जिससे क्षत्रिय आहत हो, इनका मनोबल गिरे...
पर दोस्तों आप लोग तैयार रहें ,ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए ,हम हर भाषा में जवाब देंगे ,जो भाषा की जरूरत पड़ेगी
मुझे युवा पीढ़ी पर भरोसा भी है और गर्व भी है कि वह इस खेल को समझने लगी है.
जी एक बहुत बड़ा राजनीतिक थिंकटैंक है इसको मैं समझना होगा यह हमारे आस पास के ही लोग हैं जो बाहर से तो हमें अपना बताते हैं और अंदर ही अंदर गेम प्लांट करते हैं
उपाय-- सबसे पहले खुदको पहचानो, खुद से पूछो की किन महापुरुषों का रक्त आपकी धमनियों में बह रहा है, अगर इसका जवाब आपको मिल गया तो आप अपने आप आत्म विश्वासी हो जाएंगे, ...उसके बाद खुलकर गर्व करिए अपने क्षत्रिय होने पर ,उस परंपरा का निर्वहन भी करिए जिसे श्रीराम, श्रीकृष्ण ने शुरू किया था ,डंके की चोटपर पूर्वजों का गुणगान करिए ,जिस ने क्षत्रियों के साथ-साथ क्षत्रिय नेता ,सेलिब्रिटीज ,आत्मविश्वास से खुदको छाती ठोक कर क्षत्रिय कहेगा ,उस पल वह दौर हमारा दास होगा ,और विरोधियों को छुपने की जगह नहीं मिलेगी. ... धन्यवाद🙏
जय मां भवानी जय क्षात्र धर्म 💪💪🙏🙏 क्षत्रिय समाज के साथ हो रहा है और यह बहुत कुटिल राजनीति का हिस्सा है,
ऐसा नहीं है कि इस नियम का उपयोग अभी शुरू हुआ है यह थ्योरी अंग्रेजों ने भी क्षत्रियो के खिलाफ उपयोग की थी जब अंग्रेज भारत आए उन्होंने भारत की संपन्नता को देखा तो उनके मन में जलन शुरू हुई और उन्होंने फिर यही खेल खेला उन्होंने हमारे इतिहास विज्ञान पर उंगली उठानी शुरू कर दी जिसमें वह कुछ हद तक कामयाब भी रहे।
इस थ्योरी का प्रयोग सबसे गंदे तरीके से प्रयोग जनतंत्र में शुरू हुआ जब क्षत्रियो को और उनके इतिहास की बराबर ना करने की वजह से उन पर आरोप लगने शुरू हुए क्षत्रियों के महाकाव्य रामायण महाभारत जैसे ग्रंथों पर भी लोग अंगुली उठाने लगे फिर एक थ्योरी को जन्म दिया गया कि यह सनातनी आर्य विदेशी हैं यह भारत के मूलनिवासी ही नहीं है यह प्रोपेगेंडा जोरों पर चला इसका वामपंथियों ने पूरा फायदा उठाया आर्य के वंशज आज के क्षत्रिय या राजपूतों को किसी ना किसी स्वरचित चोरी से विदेशी का जाने लगा था कि उनका मनोबल टूटे और ये इस तर फर्जी प्रोपेगेंडा का जवाब देते देते शक्तिहीन हो जाए लेकिन वैज्ञानिकों ने साक्ष्यों के साथ फर्जी चोरी को झूठा साबित कर दिया।
आजादी के बाद लिखित इतिहास में क्षत्रिय इतिहास को गायब सा कर दिया था,,,उस समय छत्रिय समाज व्यक्तिगत उत्तल पुथल में इन बातों से अनजान रहा ...और उस वक्त क्षत्रियों की नई पीढ़ी का सर्जन हो रहा था, इतिहास में सिर्फ हमारी कमियां लिखी गई , शौर्यपूर्ण इतिहास को तो बिल्कुल गायब सा कर दिया गया ,और जहां तारीफ भी की गई वहां भी नकारात्मक रूप में की गई. ...विरोधियों का प्लान था, कि ऐसी नकारात्मक इतिहास को पढ़कर नई पीढ़ी में राजपूतों के खिलाफ हीन भावना तैयार होगी,जबकि असली इतिहास कहीं और सोर्सेस मैं दबा पड़ा था।
इसका उदाहरण आपको ,दिल्ली के सबसे वीवीआइपी जगह पर बनी सम्मानीय सड़कों के नाम से दिख जाएगा,आजादी के बाद दिल्ली में औरंगजेब रोड , बाबर रोड ,अकबर रोड ,हुमायूं रोड, ऐसे सैकड़ों नाम है .... अब आप खुद सोचिए ऐसे माहौल में आपको क्या सम्मान मिला होगा . ...
जनतंत्र में विरोधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी राजपूत रजवाड़े ,जिन्होंने जनतंत्र में भी देश के पहले चुनाव में स्वघोषित नेताओं को धूल चटा दी थी ... अब नेताओं ने नया खेल खेला, राजाओं को दी जाने वाली सभी सुविधाओं को वापस ले लिया गया वह आरोप लगाया कि आप लोग जनता को लूटते हैं ...लेकिन फिर भी जनता के मन में अपने भूतपूर्व राजाओं के लिए वही सम्मान था. .
इसी के बाद दौर शुरू हुआ, 80 का दशक जहां क्षत्रियों के खिलाफ बॉलीवुड का उपयोग किया जाने लगा ,जिसमें फिल्मों में ठाकुरों को अत्याचारी प्रदर्शित किया जाने लगा, इन फिल्मों में एक बात देखने लायक थी, इन फिल्मों में सिर्फ ठाकुरों के स्वरूप को दर्शाया जाता था, ना कि इतिहास को..इससे युवा पीढ़ी में यह बात डाल दी गई कि ठाकुर ऐसे होते हैं और इसमें विरोधी कामयाब भी रहे.
इसी थ्योरी का प्रयोग आज तक हो रहा है, हमारे खिलाफ क्योंकि आज भी हम चुनौती बनकर खड़े हैं. ..
वर्तमान में ये थ्योरी सिर्फ काम कर रही है, इतिहास को लेकर, यहां कोशिश यह भी की जा रही है ,कि कैसे क्षत्रियों के इतिहास को उनकी परम्पराओं को कैसे नीचा दिखाया जाए, और साथ साथ में ही कुछ लोगों के 2-2 फुट के इतिहास को हिमालय जैसा आकार देने की कोशिश की जा रही है ,जिन जातियों का इतिहास 1947 से पहले नहीं था ,उनका इतिहास आजादी के बाद थोक के भाव में सरकारी संरक्षण में लिखा जा रहा है ..जिसमें सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जा रहा है बॉलीवुड को .. इतिहास एक परंपरा है ,ना कि कोई इमारत जो अचानक से बन जाए ..मेरा किसी जाति ,धर्म से कोई बेर नहीं है सब हमारे ही हैं मैं सिर्फ उस पड्यंत्र को बताना चाहता हूं जो अंदर ही अंदर कार्य कर रहा हैं...
क्योंकि विरोधियों को पता है ,कि क्षत्रियो का इतिहास को अगर विकृत कर दिया, उनके इतिहास को अगर नीचा दिखा दिया तो यह कॉम मुर्दे के समान हो जाएंगे ...अस्तित्वहीन
और इस मिशन में हमारे खिलाफ बॉलीवुड ,नेता, राजनीतिक पार्टियां ,यहां तक कि ज्यादातर मीडिया भी खड़ा है..
इन सब का एक ही मिशन है ,कैसे भी करके क्षत्रियों को नीचा दिखाया जाए ,क्षत्रियों की एक गलती पर बात का बतंगड़ बनाया जाए,,,
क्षत्रियों के मनोबल को रौदने लिए ,कभी बॉलीवुड का उपयोग किया जाता है ,कभी मीडिया का तो कभी दिलीप मंडल जैसे वामपंथियों का ...और इन सब के पीछे एक कुटिल बुद्धिजीवियों का थिंक टैंक काम करता है . ..
अब सोचने वाली बात यह भी है ,जिस कॉम की बहादुरी के चर्चे 7 समुंदर पार तक है , जिनके के इतिहास को सम्मान विदेशी आक्रांता तक देते हो...उस इतिहास को भारत के ही 2 कौड़ी के लोग नीचे क्यों दिखाना चाहते हैं वजह साफ है की क्षत्रियो को मुख्यधारा से अलग किया जा सके..
अब बताते हैं कि क्षत्रिय क्या है और क्या है इनका इतिहास. ..
वैसे हमारे कुछ विरोधी शुरू से ही हमारा इतिहास विकृत करने के लिए, जलनवश रामायण ,महाभारत को काल्पनिक कहते हैं पर यह हमारा स्वर्णिम प्राचीन इतिहास है इसके साक्ष्य आज भी जिंदा है....
# क्षत्रिय वो है जिसने पोरस के रूप में सिकंदर को भारत से खदेड़ दिया था. .
क्षत्रिय वो है ,जिसमें इस्लाम के पहले आक्रांता मोहम्मद बिन कासिम को भारत से अरब तक उल्टे पांव भगाया था.
क्षत्रिय वो है जिन्होंने इस्लामिक आक्रमणकारियों को बप्पा रावल नागभट्ट प्रतिहार के रूप में अरब देश तक खदेड़ दिया था. .
क्षत्रिय वो हैं जिनसे अरब के खलीफा अपनी बेटी ब्याहना चाहता था. ..
जिस इस्लाम ने 45 वर्षों में 90 देशों को इस्लामिक बना लिया था उसको भारत में घुसने में 500 साल लगे सिर्फ क्षत्रियों की वजह से. .
क्षत्रिय वो है जिसने दुनिया के सबसे बड़े किले बनाएं, जिसके आर्किटेक्चर को देखने दुनिया से लोग भारत आते हैं ...जिसमें चित्तौड़गढ़ ,कुंभलगढ़, ग्वालियर फोर्ट ,खजुराहो ,जैसे अविश्वसनीय विशालकाय स्थल है. .
क्षत्रिय वो है जिससे बचने के लिए महमूद गजनवी ने सोमनाथ लूट के बाद रेगिस्तान का रास्ता चुना अजमेर के चौहानों से भय खाता था.
क्षत्रिय वो है जिन्होंने तराइन में गौरी को हराकर जीवनदान दिया .और इसी गौरी को भीमदेव सोलंकी ने गुजरात से मार भगाया था.
क्षत्रिय वो है जिन्होंने हमीर सिंह सिसोदिया के रूप में सिंगोली युद्ध में मोहम्मद बिन तुगलक को धूल चटाई थी. और बंदी बनाकर रखा था..
क्षत्रिय वो है जिन्होंने इल्तुतमिश जैसे आक्रांता को कई बार अपने छात्रों से भगाया.
क्षत्रिय वो है ,जिसमें अलाउद्दीन खिलजी जैसे क्रूर आक्रांता के आगे हार नहीं मानी ,लाखों क्षत्रिय मरे और मारा भी . . क्षत्राणियो ने इतिहास का सबसे बड़ा जोहर किया, लेकिन क्षत्रिय आन पर आंच न आने दी .....और तो और अगले कुछ वर्षों में मेवाड़ के राजपूतों ने खिलजी को हराकर चित्तौड़ वापिस ले लिया ,खिलजी को रणथंभोर में भी हार कर जाना पड़ा. ...
क्षत्रिय वो है, जिसने राणा कुंभा के रूप में भारत को एक महान आर्किटेक्ट दिया, जिसने अपने जीवन काल में 32 दुर्गों का निर्माण कराया ,जिसमें विश्व की सबसे बड़ी दीवार कुंभलगढ़ की दीवार भी शामिल है ,ये वहीं राणा कुंभा है जिन्होंने गुजरात और मालवा के सुल्तान को हराकर विजयस्तंभ का निर्माण करवाया था. ...
क्षत्रिय वो है ,जिसमें डूबते भारत का अस्तित्व को राणा सांगा के रूप में आखिरी उम्मीद को जन्म दिया ,जिसने इब्राहिम लोदी ,और बाबर जैसे शासक को धूल चटाई थी..
क्षत्रिय वो है जिनकी वजह से इसी दौर में विजय नगर में उड़ीसा जैसे साम्राज्य में केसरिया लहराता रहा. .
क्षत्रिय वो है, जिसने कलिंजर युद्ध में शेर शाह सुरी को रौद डाला था ..और वो मारा गया यह वही शेरशाह सूरी है जिसने गिरी सुमेल का युद्ध के बाद क्षत्रियों के लिए कहा था ,कि एक मुट्ठी भर बाजरे के खातिर मैं अपनी सल्तनत खो देता ..इस युद्ध में 6000 राजपूतों का सामना 80 हजार अफ़गानों से था. .
क्षत्रिय वो है , जिसने गुलाम होते भारत में एक बार फिर इकलौती किरण को जन्म दिया था ,महाराणा प्रताप के रूप में ,जिसने भारत का मान रखा, यह इकलौता ऐसा राजा था देश का जो अकबर के सामने नहीं झुका ,और तो और हल्दीघाटी दिवेर से युद्ध में अकबर को धूल चटाई. .....
क्षत्रिय वो हैं ,जिसने बुंदेलखंड से छत्रसाल के रूप में औरंगजेब को खदेड़ा ,और बुंदेलखंड को इस्लाम मुक्त कराया..
क्षत्रिय वो है जिसने खालसा धर्म की रक्षा की ,वीर बंदा बहादुर ,बज्जर सिंह राठौर के रूप मे.....
क्षत्रिय वो है ,जो लद्दाख को ,लड़कर भारत के नक्शे में लाए जनरल जोरावर सिंह के रूप में. .
क्षत्रिय वो है, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे बड़ा मोर्चा लिया ,बाबू कुंवर सिंह, ठाकुर कुशाल सिंह आउवा ,राम प्रसाद बिस्मिल ,ठाकुर रोशन सिंह, महावीर सिंह राठौड़ ,जैसे सैकड़ों महान क्रांतिकारियों के रूप में या फिर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सैनिको के रूप में. ..
क्षत्रिय वो है, जिन्होंने 19वीं सदी में भी सात समुंदर पार जाकर विदेशी ताकतों से इसराइल को आजाद कराया, जोधपुर लांचर के रूप में ,वह भी तब जब तलवारों का मुकाबला मशीनगन से था ,इजराइल आज भी हमें सम्मान देता है,..
क्षत्रिय वो है ,जो इस जनतंत्र में भी सबसे ज्यादा शहीद होने वाली कौम है ,सेना में सबसे ज्यादा वीरता मेडल इन्ही राजपूतों के पास है, यहां तक कि 5 परमवीर चक्र.. 💪
क्षत्रिय वो है, जो थार रेगिस्तान में भी महल बना दें ,जो आज 900 साल बाद भी हमारे इतिहास की गवाही देता है, रेगिस्तान में बना जैसलमेर महल, दुनिया के लिए एक अजूबा है. ..
क्षत्रिय वो है ,जिसने आधुनिक भारत को सबसे बड़ा खगोल शास्त्री दिया सवाई जय सिंह जी, जिन्होंने जंतर मंतर नाम की दुनिया की सबसे बड़ी खगोल वेधशाला बनाई..
क्षत्रिय वो है, जो आज भी भारत को सम्मान दिलाते हैं ,भारत के 3 शहर जयपुर, जोधपुर ,उदयपुर ,किस ना किसी वजह से भारत का नाम दुनिया में रोशन करते हैं ,और तो और राजस्थान के जितने भी जिले है उसमें से किसी का भी नाम मुस्लिम आक्रांता के नाम पर नहीं है... ये गवाह है क्षत्रिय के इतिहास के.
क्षत्रिय वो हैं, जिनकी वजह से आज भी भारत को सबसे ज्यादा टूरिस्ट रेवेन्यू व रोजगार मिला हुआ है, भारत में सबसे ज्यादा टूरिस्ट राजस्थान में ही आता है ,वह भी सिर्फ इन क्षत्रियो द्वारा बने शहरों ,नगरों , महलो को देखने, इसी टूरिज्म से पूरे राजस्थान में लाखों लोगों का जीवन यापन होता है ,इसी कड़ी में मध्य प्रदेश ,गुजरात भी है यहां भी 80% टूरिज्म इन्हीं क्षत्रियो की देन है. ...
क्षत्रिय वो है ,जो आज भी सनातन धर्म की परंपरा की झलक पूरे विश्व को दिखाते हैं
विदेशी शासक कहते हैं कि ऐसे राजपूत योद्धा मेरी सेना में हो तो मैं संसार को जीत लू...
कर्नल टॉड कहता है कि राजपूतों का हर गांव थर्मोपल्ली है.
खानवा के युद्ध के बाद बाबर कहता है कि राजपूत लड़ना भले ही ना जानते हो पर इन्हें मरना और मानव बखूबी आता है.
साहित्यकार गणेश शंकर लिखते हैं ,कि राजपूत राजा अगर किसी और देश में होते तो वहां इनकी की पूजा होती . ..
ऐसी हजारों बातें हैं क्षत्रियों के बारे मैं कहां तक लिखा जाए ,,कब तक लिखा जाए ,यह वही क्षत्रिय है जिनकी तारीफ खुद उनका दुश्मन करता है..
बाबरनामा ,अकबरनामा मैं भी राजपूतों की बहादुरी की चर्चा है... पर इस देश के दो दो कौड़ी के लोगों को इन क्षत्रियो में कमियां दिखती है. .
सच कहा जाए तो आप दुनिया का सर्वश्रेष्ठ वर्ग है ,जिन्हें आर्य का जाता है ,जिन का वर्चस्व परंपरा हजारों सालों से चलती रही है ,दुनिया में इस्लामिक आक्रमण से जाने कितनी सभ्यता लुप्त होगी ,पर क्षत्रिय परंपरा क्षत्रिय इतिहास आज भी जिंदा है ,बस इसी की जलन इन विरोधियों को कि कैसे इस वर्ग को निष्क्रिय किया जाए, इसलिए आपके साथ माइंड गेम खेला जाता है,..
वह सिर्फ आपकी 1% कमियों को बढ़ा चढ़ाकर 100% करके दिखाते हैं, जब कि आपकी महानता आपका शौर्य आपका स्वर्णिम इतिहास छुपा लिया जाता है. ..
वह यह नहीं चाहते आप अपने कौम पर गर्व करो ,वह नहीं चाहते कि आप अपना स्वर्णिम इतिहास पर आहे भरो, वह यह भी नहीं चाहते कि आप अपने पूर्वजों की परंपरा का निर्वहन करो ,इसलिए उन्हें आप से जलन होती है. .
वह आपके पूर्वजों की जयंती तक मनाना पसंद नहीं करते,
और यही बात रविंद्र जडेजा के केस में हुई है, इन विरोधियों को डर है कि अगर क्षत्रिय नेता सेलिब्रिटी खुद को राजपूत होने पर गर्व करेंगे तो इनके मिशन का क्या होगा ,इसीलिए यह ऐसा माइंड गेम खेलते हैं ,उनका खुद का दो कौड़ी का इतिहास नहीं वह सीधा क्षत्रियों की सबसे बड़ी धरोहर उनके सवर्णीय इतिहास को नीचा दिखाने का काम करते हैं ,जिससे क्षत्रिय आहत हो, इनका मनोबल गिरे...
पर दोस्तों आप लोग तैयार रहें ,ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए ,हम हर भाषा में जवाब देंगे ,जो भाषा की जरूरत पड़ेगी
मुझे युवा पीढ़ी पर भरोसा भी है और गर्व भी है कि वह इस खेल को समझने लगी है.
जी एक बहुत बड़ा राजनीतिक थिंकटैंक है इसको मैं समझना होगा यह हमारे आस पास के ही लोग हैं जो बाहर से तो हमें अपना बताते हैं और अंदर ही अंदर गेम प्लांट करते हैं
उपाय-- सबसे पहले खुदको पहचानो, खुद से पूछो की किन महापुरुषों का रक्त आपकी धमनियों में बह रहा है, अगर इसका जवाब आपको मिल गया तो आप अपने आप आत्म विश्वासी हो जाएंगे, ...उसके बाद खुलकर गर्व करिए अपने क्षत्रिय होने पर ,उस परंपरा का निर्वहन भी करिए जिसे श्रीराम, श्रीकृष्ण ने शुरू किया था ,डंके की चोटपर पूर्वजों का गुणगान करिए ,जिस ने क्षत्रियों के साथ-साथ क्षत्रिय नेता ,सेलिब्रिटीज ,आत्मविश्वास से खुदको छाती ठोक कर क्षत्रिय कहेगा ,उस पल वह दौर हमारा दास होगा ,और विरोधियों को छुपने की जगह नहीं मिलेगी. ... धन्यवाद🙏
जय मां भवानी जय क्षात्र धर्म 💪💪🙏🙏
जय हो जय हो जय राजपुताना जय क्षात्र धर्म
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